कुत्‍तों के कैफे से इतना प्‍यार, लोगों ने दान में लुटा दिए 2 करोड़, फ‍िर भी नहीं बचा, लगाना पड़ा ताला

कुत्‍तों के कैफे से इतना प्‍यार, लोगों ने दान में लुटा दिए 2 करोड़, फ‍िर भी नहीं बचा, लगाना पड़ा ताला

कुत्‍तों के कैफे से इतना प्‍यार, लोगों ने दान में लुटा दिए 2 करोड़, फ‍िर भी नहीं बचा, लगाना पड़ा ताला

पालतू जानवरों को प्‍यार करने वालों की कोई कमी नहीं. लोग इन्‍हें बच्‍चों की तरह प्‍यार देते हैं. इनके ल‍िए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. इसे देखते हुए ही अमेर‍िका में एक कंपनी ने कुत्‍तों का कैफे खोला था. जहां डॉग जाकर नाश्ते-पानी का आनंद लेते थे. कुत्‍तों के बैठने के ल‍िए खास कुर्सियां लगाई गई थीं. उनकी सेवा करने के लिए वेटर भी थे. शहर के बहुत सारे लोग अपने पालतू जानवर को लेकर यहां जाते थे. उनके ल‍िए पार्टियां आयोजित करते थे. लेकिन अब इस कैफे पर ताला लग गया है. 2 महीने पहले जब इसे बंद करने की बातें कही जा रही थीं, तब स्‍थानीय लोग सामने आए थे. इसे बचाने के ल‍िए 2 करोड़ रुपये दान में दिए, लेकिन बंद होने से बचाया नहीं जा सका.

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेर‍िका के सभी प्रमुख शहरों में कुत्‍तों के ल‍िए रेस्‍टोरेंट और कैफे हैं. Chateau le Woof में तो सैल्मन, बत्तख, सूअर का मांस और टर्की के कई प्रकार के व्यंजन कुत्‍तों के ल‍िए बनाए जाते हैं. उन्‍हें सैंडव‍िच और आइसक्रीम भी परोसा जाता है. बेकन और अंडे, पीनट बटर पैनकेक और मछली और चिप्स भी दिए जाते हैं. ताक‍ि कुत्‍तों को स्‍वाद के साथ सही पोषण भी मिल सके. बीते वर्षों में ऐसे कई रेस्‍टोरेंट खुल गए हैं.

नहीं चला पा रहे, इसल‍िए बंद कर रहे
ऐसे ही दो कैनाइन कैफे बोरिस एंड हॉर्टन ने न्‍यूयॉर्क में खोले थे. लेकिन बीते दिनों इसके माल‍िकों ने कैफे को बंद करने का ऐलान किया. इससे स्‍थानीय लोग नाराज हो गए. उन्‍होंने स्‍टोर बंद होने से बचाने के ल‍िए 250,000 डॉलर जुटाए. इसे कैफे के माल‍िक को दिया, ताकि वह कैफे को बंद न करे. लेकिन एक दिन पहले कैफे के माल‍िक कॉपी होल्ज़मैन और लोगन मिखली इंस्‍टाग्राम पर कहा, वे अब इसे नहीं चला पा रहे हैं. मजबूरन उन्‍हें ये कैफे स्थायी रूप से बंद करना पड़ रहा है.

बंद करने का ऐलान होते ही लोग भड़क उठे
कैफे बंद करने का ऐलान होते ही लोग भड़क उठे. लोगों ने तुरंत जवाब दिया. पूछा- 2 महीने पहले जो 250,000 डॉलर लिए थे, क्‍या वो वापस करेंगे? कुछ लोगों ने तो इसे धन उगाहने की मशीन तक करार दे दिया. इस पर कंपनी की ओर से फ‍िर जवाब आया. उन्‍होंने लिखा, आपसे दान में मिले पैसों का उपयोग एक जीएम और एक इवेंट मैनेजर को नियुक्‍त करने में खर्च किया गया. कैफे की मरम्‍मत कराई गई. ज्‍यादातर पैसा यहां काम कर रहे 25 कर्मचार‍ियों पर खर्च किया गया. हम अपने सभी ग्राहकों से प्यार करते हैं और उन्हें विलियम्सबर्ग में छोड़कर जाने से हम दुखी हैं, लेकिन हमारे पास वहां पर्याप्त ग्राहक नहीं हैं. इस वजह से हम इसे चलाने में सक्षम नहीं हैं.

स्रोत: news18