Right way to eat fruits: फल खाना हेल्दी रहने का बेहतर तरीका है, लेकिन कुछ लोग किसी भी समय और किसी भी चीज के साथ फलों का सेवन करते हैं. इससे फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होता है. ऐसे में फल कब और किस चीज के साथ खाना चाहिए, इसके बारे में जरूर जान लें.
Right way to eat fruits: फल खाना स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है. कई तरह के फल होते हैं और सभी में भरपूर पोषक तत्व होते हैं. मिनरल्स, विटामिंस से भरपूर ये फल आपको कई रोगों से बचाए रख सकते हैं. फाइबर होने के कारण ये पाचन दुरुस्त रखते हैं. विटामिन सी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. कैल्शियम, विटामिन डी हड्डियों को स्ट्रॉन्ग बनाते हैं. फल तो सभी खाते हैं, लेकिन कुछ लोग सही तरीके से फल का सेवन नहीं करते हैं. कुछ लोग भोजन के साथ फल खाते हैं, कुछ सुबह उठते या फिर रात में सोने से पहले फल का सेवन करते हैं. लेकिन आप चाहते हैं कि फल खाने से आपको भरपूर स्वास्थ्य लाभ मिले तो इसे कब और कैसे खाना चाहिए, ये जानना भी जरूरी है.
फल खाने का सही तरीका क्या है?
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसर के अनुसार, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से ताजे फल को बहुत हल्का और पचाने में आसान माना जाता है. अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में फल हल्का होता है. जब आप इसे हेवी फूड्स के साथ या बाद में खाते हैं तो यह पेट में तब तक रहता है, जब तक हेवी फूड्स को पचने में समय लगता है. परिणामस्वरूप, यह बहुत लंबे समय तक पेट में रहता है. हमारे डाइजेस्टिव जूस के द्वारा अत्यधिक पकता है और फर्मेंट होना शुरू हो जाता है.
आयुर्वेद में अधिक पकाए गए, फर्मेंटेड गंदगी को अमा (Ama) या अनुचित रूप से पचने वाले खाद्य विषाक्त पदार्थों (improperly digested food toxins) के रूप में जाना जाता है. यह नम, अम्लीय अपशिष्ट हमारे पाचन तंत्र में जमा हो जाता है, जहां यह हमारे पाचन को प्रभावित कर सकता है. ये डाइजेस्टिव जूस के उत्सर्जन, पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करता है. इससे आपको अपच, फूड सेंसिटिविटी और आंतों में सूजन (gut inflammation) की समस्या हो सकती है.
कैसे करें फलों का सेवन
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसर कहती हैं कि हमेशा फल अकेले खाना चाहिए. कभी भी फलों का सेवन भोजन के साथ या बाद में नहीं करना चाहिए. आप भोजन से 1 घंटा पहले या 2 घंटे बाद फल खा सकते हैं. भोजन के साथ या बाद में कभी भी फल न खाएं. कुछ लोग फलों को दूध और दही में मिलाकर खाते हैं. ऐसा न करें. आप चाहें तो प्लांट बेस्ड मिल्क या दही के साथ खा सकते हैं. फलों का रस तभी पिएं जब आपका पाचन ख़राब हो. आप चीजों को ठीक से चबा न सकें या कमज़ोरी हो. देर रात या दिन ढलते समय फल न खाएं.
कौन-कौन से फल दूध के साथ नहीं खाना चाहिए
– फलों और दूध को मिलाते समय आयुर्वेदिक टिप्स फॉलो करें. यदि आप दूध में मिक्स करके फल खाना पसंद करते हैं तो सिर्फ शुद्ध मीठे और पके फलों के साथ ही दूध को मिलाएं. पके हुए मीठे आम को दूध के साथ मिलाया जा सकता है.
– एवोकैडो को दूध के साथ मिलाया जा सकता है. किशमिश, खजूर और अंजीर जैसे सूखे मेवे दूध के साथ लिए जा सकते हैं.
– सभी बेरीज (स्ट्रॉबेरी सहित) को दूध के साथ मिलाने से बचें. जब हम दूध में बेरीज मिलाते हैं तो दूध तुरंत नहीं फटेगा, लेकिन पेट में जाते ही शुरुआती पाचन प्रक्रिया के बाद यह फट जाएगा.
– काफी लोग दूध में केला डालकर खाना पसंद करते हैं. केले भले ही मीठे हों, लेकिन जब आप इसे दूध के साथ सेवन करते हैं तो इसके बाद पाचन के बाद का प्रभाव खट्टा होगा, इसलिए दोनों को एक साथ नहीं लेना चाहिए. आमतौर पर, दूध और फल को अलग-अलग लेना एक अच्छा और हेल्दी विकल्प है.
स्रोतः न्यूज 18