डॉक्टर से जानिए एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए, बोले किसी चार्ट को देखकर ना लगाएं अंदाजा

डॉक्टर से जानिए एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए, बोले किसी चार्ट को देखकर ना लगाएं अंदाजा

डॉक्टर से जानिए एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए, बोले किसी चार्ट को देखकर ना लगाएं अंदाजा

अक्सर ही पानी पीने की मात्रा किसी चार्ट को देखकर निर्धारित कर ली जाती है. लेकिन, कोई चार्ट नहीं बल्कि आपकी रोजमर्रा की आदतें और जीवनशैली का तरीका यह बताता है कि आपको कितना पानी दिनभर में पीना चाहिए.

Healthy Tips: इसमें कोई दोराय नहीं कि शरीर को पानी की अत्यधिक जरूरत होती है और पानी की कमी होने पर शरीर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का घर बन जाता है. शरीर से गंदे टॉक्सिंस निकालने के लिए, पेट की सेहत अच्छी रखने के लिए, शरीर का तापमान सामान्य रखने और सेंसिटिव टिशूज को प्रोटेक्ट करने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहना जरूरी है. खासकर गर्मियों के दिनों में पर्याप्त पानी ना पीने पर डिहाइड्रेशन (Dehydration) की दिक्कत हो जाती है. डिहाइड्रेशन होने पर आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है, एनर्जी लो लगने लगती है और ऐसा लगता है कि शरीर में किसी काम को करने की शक्ति ही नहीं बची है. ऐसे में दिनभर में शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी पीना जरूरी है.

व्यक्ति को दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए इसका अंदाजा वह आमतौर पर वजन के हिसाब से पानी की जरूरत के चार्ट वगैरह देखकर लगाता है. लेकिन, डॉक्टर भावेश गुप्ता का कुछ अलग कहना है. डॉ. भावेश गुप्ता न्यट्रीशनिस्ट हैं और इंडियन डाइटेटिक्स असोसिएशन के मेंबर हैं. डॉ. भावेश का कहना है कि पानी की जरूरत पूरी करने के लिए चार्ट पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. 

डॉ. भावेश का कहना है कि व्यक्ति के दिनभर की पानी की जरूरत शरीर के वजन, फिजिकल एक्टिविटी, तापमान और ह्यूमिडिटी पर निर्भर करती है. इसके अलावा हम खाने की ऐसी बहुत सी चीजों को डाइट का हिस्सा बनाते हैं जिनसे शरीर को पानी की अच्छीखासी मात्रा मिल जाती है जैसे फल, सब्जियां, दाल और चावल भी. 

इसीलिए, पानी तब-तब पीते रहना चाहिए जब प्यास लगने लगे, यह शरीर का सिग्नल होता है. डॉ. भावेश कहते हैं कि बहुत से लोग जरूरत से ज्यादा पानी पीने लगते हैं जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें (Health Problems) हो सकती हैं और वॉटर इन्टॉक्सिकेशन का खतरा बढ़ता है. इससे शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस खराब होता है और साथ ही बार-बार बाथरूम के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. 

स्रोत: एनडीटीवी