मास्टरमाइंड को मजा! गुर्गों को सजा, एनबीटी ने खोली पोल तो नकली रेड केस में ATO पर भी गिरी गाज

मास्टरमाइंड को मजा! गुर्गों को सजा, एनबीटी ने खोली पोल तो नकली रेड केस में ATO पर भी गिरी गाज

मास्टरमाइंड को मजा! गुर्गों को सजा, एनबीटी ने खोली पोल तो नकली रेड केस में ATO पर भी गिरी गाज
दिल्ली के होटल में फर्जी छापेमारी और जबरन वसूली केस में इंस्पेक्टर पर एक्शन हुआ है। रेड का सुपरविजन कर रहे इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ आईपीसी की धारा 388 भी जोड़ी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभी भी मामले पर कुछ नहीं बोल रहे। आखिर पूरा मामला क्या है, जानिए आगे।

दिल्ली : ईस्ट दिल्ली के शकरपुर इलाके में स्थित एक होटल में नकली रेड कर एक किसान से 24 लाख रुपये की जबरन वसूली करने के मामले में खबर का असर हुआ है। दरअसल पुलिस सूत्र का कहना है कि खबर छपने के बाद आरोपों में घिरे इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही मामले में जबरन वसूली के लिए आईपीसी की धारा 388 भी जोड़ दी गई है। ‘असली पुलिस की नकली रेड’ हेडिंग से खबर हमने प्रमुखता से छापा था। जिसमें कानून के जानकारों से बातचीत करके कार्रवाई में हुई खामियों को उठाया था। ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस तो दर्ज किया गया था, लेकिन उसमें हल्की धाराएं लगाई गई थीं। साथ ही आरोप में घिरे चार में से 3 पुलिसवालों को ही सस्पेंड किया गया था, जबकि नकली रेड का सुपरविजन कर रहे इंस्पेक्टर को सस्पेंड नहीं किया गया था।

दिल्ली के होटल में असली पुलिस की नकली रेड

वहीं, पुलिस ने सोमवार को एक बार फिर जींद से पीड़ितों को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई घंटे तक पवन और उनके साथी शमशेर शकरपुर थाने में रहे। कई अधिकारियों की मौजूदगी में उनके बयान लिए गए हैं। वह अपने बयान पर कायम रहे। उन्होंने चारों पुलिसवालों पर धमकाकर 24 लाख रुपये वसूली करने के बयान को कायम रखा है। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभी भी मामले पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

24 करोड़ की अवैध वसूली का था मामला

एक किसान परिवार के लड़के को ऑस्ट्रेलिया भेजने की एवज में कुछ लोगों ने 23 लाख रुपये की मांग की थी। 29 मई को लड़के को ऑस्ट्रेलिया भेजना था। जिसके लिए पीड़ित को जींद से दिल्ली बुलाया था। परिवार साढ़े 24 लाख रुपये साथ लाया। वे शकरपुर इलाके के होटल में रुके थे। उसी दौरान लक्ष्मी नगर थाने में तैनात इंस्पेक्टर समेत 4 पुलिसवाले होटल पहुंचे और पीड़ित परिवार पर हवाला और पाकिस्तान से लिंक होने का आरोप लगाया। फिर उन्हें कहा या तो पैसा सीज करवाकर जेल जाओ या पैसा हमारे पास छोड़कर घर चले जाओ।

पीड़ित की शिकायत पर एक्शन

पीड़ित पैसा छोड़कर घर चले गए। लेकिन उसने वहां से शकरपुर एसएचओ को शिकायत कर दी और सबूत के तौर पर विडियो दे दिए। जिसके बाद पीजी सेल ने मामले की जांच की और 15 जून को मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर को छोड़कर 3 पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया। सोमवार को खबर छपी तो इंस्पेक्टर भी सस्पेंड हुआ, साथ ही एफआईआर में वसूली की धारा जोड़ी गई।

क्या है IPC की धारा 388?

अगर कोई भी किसी को मौत या आजीवन कारावास आदि से दंडनीय अपराध का आरोप लगाने की धमकी देकर जबरन वसूली करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 388 के तहत कार्रवाई की जाती है। इस धारा में 10 साल का कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

स्रोत: नवभारतटाइम्स