युद्ध से कराह रही दुनिया : बन्दूकें शान्त करने व दरारें भरने की अपील

युद्ध से कराह रही दुनिया : बन्दूकें शान्त करने व दरारें भरने की अपील

युद्ध से कराह रही दुनिया : बन्दूकें शान्त करने व दरारें भरने की अपील

युद्ध की क्रूरता और भयावहता से जीवन तहस-नहस हो रहे हैं, बचपन बर्बाद हो रहा है और बुनियादी मानव गरिमा को गहरी ठेस पहुँच रही है. संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी ने रविवार को ‘अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस’ के अवसर पर बन्दूकों को शान्त करने, दरारों पर मरहम लगाने और आशा का निर्माण करने की पुकार लगाई है.

महासचिव गुटेरेश ने इस दिवस पर जारी अपने सन्देश में कहा कि युद्धों से घिरी हमारी दुनिया शान्ति के लिए कराह रही है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि टकराव आज केवल रणक्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उसके असर सीमाओं से परे तक महसूस किए जा रहे हैं, जिससे विस्थापन, निर्धनता और अस्थिरता में उछाल आ रहा है.

“युद्ध की क्रूरता और दुर्दशा के बीच ज़िन्दगियाँ छिन्न-भिन्न हो रही हैं, बचपन बुझ रहा है और बुनियादी मानव गरिमा को तार-तार किया जा रहा है.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, लोग केवल शान्ति चाहते हैं. “हमें बन्दूकों को शान्त करना होगा. पीड़ा का अन्त करना होगा. पुल बनाने होंगे. और स्थिरता व समृद्धि को सृजित करना होगा.”

सम्मान व संवाद
यूएन महासभा ने वर्ष 1981 में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस को स्थापित किया था. इस वर्ष की थीम है: एक शान्तिपूर्ण दुनिया के लिए कार्रवाई, अभी.

यह थीम हिंसक टकराव की रोकथाम, नफ़रत व भ्रामक जानकारी के विरुद्ध लड़ाई और शान्तिनिर्माताओं के लिए समर्थन की दिशा में सामूहिक कार्रवाई पर केन्द्रित है. विशेष रूप से महिलाओं व युवाओं को समर्थन देने पर बल दिया गया है.

यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि शान्ति व टिकाऊ विकास में एक अहम सम्बन्ध है. विकास के लिए सबसे अधिक जूझ रहे 10 देशों में से 9 देश, हिंसक टकराव का भी सामना कर रहे हैं. इसके अलावा, नस्लवाद और अमानवीयकरण भी एक बड़ी चिन्ता है और इसलिए उन्होंने सम्मान व संवाद की भाषा पर बल दिया है.

महासचिव गुटेरेश ने यूएन महासभा के उच्चस्तरीय सप्ताह से पहले कहा कि शान्ति के लिए एक समन्वित अन्तरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता है, चूँकि विभाजन चौड़े हो रहे हैं और अस्थिरता गहरा रही है.

उन्होंने कहा कि जहाँ शान्ति क़ायम है, वहाँ आशा भी है. शान्ति अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकती है. कार्य शुरू करने का समय यही है.