लोगों को बेहोश होकर गिरते देखा… हज के दौरान 1000 से ज्यादा जायरीनों ने तोड़ा दम, अस्पताल में रखे हैं 600 शव

लोगों को बेहोश होकर गिरते देखा… हज के दौरान 1000 से ज्यादा जायरीनों ने तोड़ा दम, अस्पताल में रखे हैं 600 शव

लोगों को बेहोश होकर गिरते देखा… हज के दौरान 1000 से ज्यादा जायरीनों ने तोड़ा दम, अस्पताल में रखे हैं 600 शव
Mecca Haj Yatra: विदेश मंत्रालय ने 21 जून को बताया कि मक्का में सालाना तीर्थयात्रा हज के दौरान 98 भारतीयों की मौत हुई है. इस साल 1,75,000 भारतीय तीर्थयात्री हज के लिए मक्का गए हैं. हज की अवधि 9 मई से 22 जुलाई तक है.

मक्का (सऊदी अरब). इस साल सऊदी अरब में भीषण गर्मी के कारण हज यात्रा के दौरान 1000 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सऊदी अरब ने हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या पर कोई टिप्पणी नहीं की है. किस वजह से लोगों की जान गई, इस बारे में भी नहीं बताया गया.

हालांकि, मक्का के अल-मुआइसम में आपातकालीन परिसर में सैकड़ों लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में कतार में खड़े थे. ऑनलाइन प्रसारित एक सूची से पता चलता है कि पांच दिवसीय हज के दौरान कम से कम 550 लोगों की मौत हो गई. चिकित्सक और एक अन्य अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उनका मानना ​​है कि अस्पताल में कम से कम 600 शव रखे हैं.

हज के दौरान मौतें होना कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि इस दौरान कई बार 20 लाख से ज़्यादा लोग सऊदी अरब की यात्रा करते हैं. इसके अलावा, हज यात्रा के दौरान पूर्व में भगदड़ मचने की घटनाएं और महामारी भी फैल चुकी है. ‘जर्नल ऑफ इन्फेक्शन एंड पब्लिक हेल्थ’ के अप्रैल संस्करण में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, प्रत्येक वर्ष हज के लिए कम आय वाले देशों से लाखों लोग आते हैं “जिनमें से कई को हज-पूर्व स्वास्थ्य देखभाल सेवा बहुत कम या बिल्कुल भी नहीं मिलती है.”

इसमें कहा गया है कि एकत्रित लोगों में संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं. हालांकि, इस साल मृतकों की संख्या से पता चलता है कि मौतों में वृद्धि का कारण कुछ और था. जॉर्डन और ट्यूनीशिया समेत कई देशों ने कहा है कि उनके कुछ यात्रियों की मौत मक्का के पवित्र स्थलों पर पड़ने वाली गर्मी के कारण हुई. बुधवार को मुख्य मस्जिद के पास भारतीय यात्री खालिद बशीर बजाज ने कहा कि उन्होंने इस साल हज के दौरान “बहुत से लोगों को बेहोश होकर जमीन पर गिरते देखा.”

सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेटेरोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को मक्का और शहर के आसपास के धार्मिक स्थलों पर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. शैतान को प्रतीकात्मक रूप से कंकड़ मारने की कोशिश करते समय कुछ लोग बेहोश हो गए. मिस्र के कई लोगों ने कहा कि वे गर्मी और भीड़ में अपने प्रियजनों से बिछड़ गए. सऊदी हज अधिकारियों के अनुसार, 2024 में 18.3 लाख से अधिक मुसलमानों ने हज किया, जिसमें 22 देशों के 16 लाख से अधिक लोग और सऊदी के 2,22,000 नागरिक और निवासी शामिल थे.

स्रोत: news18