21 साल में पहली बार आ रहा किसी कार कंपनी का IPO, ऑटोमोबाइल सेक्टर की चमकेगी किस्मत, जानिए डिटेल

21 साल में पहली बार आ रहा किसी कार कंपनी का IPO, ऑटोमोबाइल सेक्टर की चमकेगी किस्मत, जानिए डिटेल

21 साल में पहली बार आ रहा किसी कार कंपनी का IPO, ऑटोमोबाइल सेक्टर की चमकेगी किस्मत, जानिए डिटेल

नई दिल्ली. दक्षिण कोरिया की दिग्गज कार निर्माता हुंडई मोटर (Hyundai Motor) जल्द ही भारतीय शेयर बाजार में अपना आईपीओ (IPO) लाने की तैयारी कर रही है. हुंडई मोटर की भारतीय इकाई अगले दो सप्ताह में बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर सकती है, जिससे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

यदि कंपनी आईपीओ लाने सफल रही तो यह भारत में किसी वाहन निर्माता द्वारा दो दशक से अधिक समय बाद पहला आईपीओ होगा. इससे पहले देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) 2003 में अपना आईपीओ लाई थी.

इसी साल आ सकता है हुंडई मोटर का IPO
जानकारी के मुताबिक, डीआरएचपी दाखिल करने के बाद, हुंडई मोटर इंडिया का प्रबंधन अगले महीने से भारत और विदेशों में निवेशक रोड शो शुरू कर सकता है. सेबी द्वारा डीआरएचपी दाखिल करने के 60-90 दिनों के भीतर अपनी मंजूरी मिलने उम्मीद है, जिससे पता चलता है कि हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ संभावित रूप से सितंबर या अक्टूबर में बाजार में आ सकता है.

कंपनी ने आईपीओ के प्रबंधन के लिए सिटीबैंक, मॉर्गन स्टेनली, कोटक महिंद्रा, एचएसबीसी और जेपी मॉर्गन जैसे निवेश बैंकरों को नियुक्त किया है. हुंडई भारतीय इक्विटी बाजार में चल रही तेजी का फायदा उठाना चाहेगी, जिसने पिछले दशक में 14% का वार्षिक रिटर्न दिया है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बाजारों में शुमार है.

ऑटो सेक्टर को होगा फायदा
हुंडई भारतीय सहायक कंपनी के लिए 22-28 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन का लक्ष्य लेकर चल रही है और आईपीओ के माध्यम से 15-20% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. यदि हुंडई यह वैल्यूएशन प्राप्त करने में सफल हो जाती है, तो इससे भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की रेटिंग में इजाफा हो सकता है. इससे विशेष तौर पर मारुति सुजुकी को भी लाभ हो सकता है, साथ ही घरेलू ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी लाभ मिलेगा.

भारतीय बाजार में बहुत अधिक ऑटोमोबाइल कंपनियां लिस्टेड नहीं हैं. ऐसी स्थिति में हुंडई की सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी मारुति सुजुकी है. हुंडई का मूल्यांकन मारुति की तुलना में काफी अधिक होने की संभावना है. पिछले कुछ वर्षों में हुंडई ने भारतीय बाजार में एसयूवी की बढ़ती मांग का लाभ उठाया है. मारुति की तुलना में हुंडई नए मॉडल, लेटेस्ट तकनीक और वाहन सुविधाओं को पेश करने के मामले में बहुत अधिक सक्रिय रही है. इससे कंपनी को बेहतर वैल्यूएशन हासिल करने और अपनी प्रीमियम स्थिति को मजबूत करने में मदद मिली है.

हुंडई के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण गर्ग ने इस महीने की शुरुआत में मीडिया से बातचीत में बताया था कि मई में हुंडई की कुल बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी रिकॉर्ड 67% थी. कंपनी की एसयूवी रेंज में एक्सटर, वेन्यू, क्रेटा, अल्काजार, टक्सन और आयनिक 5 शामिल हैं.

स्रोत: news18