FIFA World Cup Qualifier: बेईमानी से हारी टीम इंडिया! AIFF ने कतर के विवादास्पद गोल की जांच की मांग की, जानें

FIFA World Cup Qualifier: बेईमानी से हारी टीम इंडिया! AIFF ने कतर के विवादास्पद गोल की जांच की मांग की, जानें

FIFA World Cup Qualifier: बेईमानी से हारी टीम इंडिया! AIFF ने कतर के विवादास्पद गोल की जांच की मांग की, जानें

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने मैच आयुक्त को शिकायत करके दोहा में विश्व कप क्वालिफाइंग के अपने महत्वपूर्ण मुकाबले में कतर को विवादास्पद गोल देने की जांच की मांग की है। एआईएफएफ के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने गोल की अच्छी तरीके से जांच की मांग की है। मंगलवार को जस्सिम बिन हमाद स्टेडियम में करो या मरो के मुकाबले में भारत को कतर के खिलाफ 2-1 से हार का सामना करना पड़ा था।

इस मैच में फुटबॉल के ‘आउट ऑफ प्ले’ होने के बावजूद कतर के खिलाड़ियों ने उसे गोल पोस्ट में पहुंचाया। यानी गेंद गोल पोस्ट के बगल में निर्धारित लाइन से बाहर जा चुकी थी। हालांकि, इससे खेल रोकने की बजाय कतर के खिलाड़ियों ने पहले तो इसे किक से मैदान के अंदर भेजा और फिर दूसरे खिलाड़ी ने गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचा दिया। भारतीय टीम के विरोध के बावजूद रेफरी किम वू सुंग ने गोल को स्वीकृति दी थी। इस बेईमानी वाले गोल पर काफी विवाद हुआ क्योंकि इसने 2026 के फीफा विश्व कप के लिए भारत को पहली बार फीफा विश्व कप क्वालिफायर के तीसरे दौर में पहुंचने से वंचित कर दिया।

एआईएफएफ के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने मैच आयुक्त को शिकायत की है और पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है।’ ईरान के हामेद मोमेनी इस मुकाबले के मैच आयुक्त थे। मैच आयुक्त की भूमिका मैच की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना होती है कि मुकाबले के दौरान फीफा के नियमों का पालन किया जाए। अब यह देखने वाली बात होगी कि रेफरी इस पर क्या फैसला लेते हैं। 

क्या हुआ था?
मैच के 73वें मिनट में अब्दुल्लाह अलाहरक की फ्री किक पर यूसेफ आयमेन ने हेडर लगाने का प्रयास किया जिसे भारतीय कप्तान और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने रोक दिया। तब गुरप्रीत मैदान पर गिर गए और इस दौरान गेंद खेल के मैदान से बाहर चली गई। कतर के हाशमी हुसैन किक मारकर गेंद को दोबारा खेल के मैदान में ले आए और आयमेन ने गोल कर दिया। नियमों के मुताबिक, गेंद के खेल के मैदान से बाहर जाने के कारण खेल रोका जाना चाहिए था और कतर को कॉर्नर किक मिलनी चाहिए थी क्योंकि गुरप्रीत गेंद के बाहर जाने से पहले उससे संपर्क करने वाले आखिरी खिलाड़ी थे।

इसके बाद जब रेफरी ने कतर को गोल दे दिया तो भारतीय खिलाड़ी निराश हो गए और मेहमान टीम के कड़े विरोध के बावजूद रेफरी अपने फैसले पर बरकरार रहे। नियमों के मुताबिक, अगर गेंद गोल लाइन या टचलाइन से जमीन पर या हवा में पूरी तरह से बाहर निकल जाती है तो उसे खेल से बाहर यानी आउट ऑफ प्ले माना जाता है। भारत के कोच इगोर स्टिमक ने बाद में निराशा जताते हुए कहा कि इस गोल ने उनकी टीम के सपने को खत्म कर दिया। वहीं, भारतीय टीम के कप्तान गुरप्रीत ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण नतीजा करार दिया।

‘हमारे साथ अन्याय हुआ’
भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने कहा कि कतर के खिलाफ मैच में उनके साथ अन्याय हुआ जिसके कारण टीम का विश्व कप क्वालिफाइंग के तीसरे दौर में पहुंचने का सपना टूट गया।भारतीय टीम लालियानजुआला चांगटे के 37वें मिनट में किये गए गोल की बदौलत 73वें मिनट तक आगे चल रही थी। हालांकि, विवादास्पद गोल के बाद भारतीय टीम की लय प्रभावित हुई और एशियाई चैंपियन कतर ने 85वें मिनट में अहमद अल रावी की बदौलत अपना दूसरा गोल कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘आज की फुटबॉल में ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि एक गोल से पूरे मैच का पासा पलट जाता है। ऐसा कतर के खिलाफ भी हो सकता था। मैं कोई बहाना नहीं बना रहा हूं। मैं बहुत बुरा महसूस कर रहा हूं क्योंकि आपके 23 खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की और वह कुछ हासिल करने का सपना देख रहे थे, लेकिन उनका सपना टूट गया क्योंकि हम इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक सकते हैं।

भारतीय कोच ने खिलाड़ियों की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही कहा कि टीम को पहले हाफ में तीन गोल करने चाहिए थे। स्टिमेक ने कहा, ‘भारत के सभी फैंस को टीम पर गर्व करना चाहिए। हमने कतर की मजबूत टीम के खिलाफ मैच के अधिकतर हिस्से में नियंत्रण बनाए रखा। कई अवसरों पर भारतीय टीम ने कतर से बेहतर खेल दिखाया। हमें पहले हाफ में ही तीन गोल करके मैच अपने पक्ष में कर देना चाहिए था, लेकिन यह एक ऐसी चीज है जिसकी भारतीय फुटबॉल में कमी नजर आती है।’

स्रोत: अमर उजाला