अक्सर हम कड़ाके चाय बनाने के चक्कर में इसे घंटो उबालते हैं, लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
चाय भारत का सबसे पसंदीदा और पिए जाने वाला पेय पदार्थ है. असल में चाय भारत की ही देन है और अब पूरी दुनिया में चाय का सेवन किया जाता है. चाय कई तरीके की होती है और भारत में सबसे ज्यादा दूध से बनी चाय पी जाती है. इसमें कोई शक नहीं है कि दूध की चाय पीने में स्वादिष्ट होती है, लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि दूध और चाय को ज्यादा देर तक उबालने से सेहत को नुकसान हो सकता है.
डाइट एक्सपर्ट और सिमरत कथूरिया के अनुसार, बेशक दूध की चाय सबसे ज्यादा पी जाती है और यह टेस्टी होती है, लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि दूध और चाय को साथ उबालने के तरीके से उसका पोषण मूल्य तो कम होता ही है, साथ ही यह सेहत के लिए खतरनाक हो जाती है. चलिए जानते हैं कि चाय और दूध को ज्यादा देर तक उबालने से सेहत पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकते हैं .
चाय और दूध के फायदे-
चाय खासकर काली चाय एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जिन्हें पॉलीफेनॉल कहते हैं. ये पॉलीफेनॉल सूजन कम करने, दिल की सेहत सुधारने और लंबी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं. अगर बात करें दूध के फायदों की तो दूध कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D और B12 का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और शरीर की पूरी सेहत के जरूरी होते हैं.
दूध वाली चाय को ज्यादा उबालने से होने वाले नुकसान-
1) चाय के फायदे कम हो जाते हैं-
ज्यादा देर तक उबालने से चाय के पॉलीफेनॉल खत्म हो जाते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं और ज्यादा उबालने से उनके फायदे कम हो जाते हैं. मतलब ये कि अगर आप चाय को बहुत ज्यादा उबाल लेंगे तो आपको उसके सेहत संबंधी फायदे पूरी तरह नहीं मिल पाएंगे.
2) दूध के पोषक तत्व हो जाते हैं कम-
अधिक तापमान पर लंबे समय तक उबालने से दूध के प्रोटीन नष्ट हो जाते हैं. इससे दूध पचाने में मुश्किल होती है और उसकी पोषण क्षमता कम हो जाती है. साथ ही, उबालने से विटामिन B12 और कुछ B-complex विटामिन भी कम हो जाते हैं, जिससे दूध की क्वालिटी कम हो जाती है.
3) कई बीमारियों का खतरा-
दूध को बहुत देर तक उबालने पर लैक्टोज (दूध की चीनी) और प्रोटीन के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया (Maillard reaction) हो सकती है. इससे एडवांस ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) बनते हैं. ये AGEs शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ा सकते हैं, जिससे डायबिटीज और हार्ट डिजीज संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
4) जम सकती है दूध की मलाई की मोटी परत-
इसके अलावा, ज्यादा उबालने से दूध की सतह पर क्रीम या मलाई की एक मोटी परत जम सकती है. भले ही कुछ लोगों को ये मलाई पसंद हो, लेकिन कई लोगों को ये अच्छी नहीं लगती और वो इस परत को फेंक देते हैं, जिससे पोषण की कमी हो जाती है.
दूध वाली चाय बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान-
उबालने का समय कम करें-
चाय और दूध को साथ में ज्यादा देर तक न उबालें. बल्कि धीमी आंच पर सिर्फ कुछ मिनटों के लिए उबाल लें. बस इतनी देर उबालें कि स्वाद आपस में मिल जाए.
अलग से चाय पकाएं-
आप चाहें तो चाय पत्ती को गर्म पानी में अलग से उबाल लें और फिर उसमें गर्म दूध मिला लें. इससे चाय के एंटीऑक्सीडेंट और दूध के पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं.
ताज़ी चीज़ों का इस्तेमाल करें-
हमेशा ताज़ी चाय की पत्तियों और दूध का इस्तेमाल करें ताकि आपको अधिक से अधिक पोषण फायदे मिल सकें.
तापमान का ध्यान रखें-
आंच को बहुत तेज न करें. ज्यादा गर्म करने से चाय और दूध दोनों की पोषण गुणवत्ता कम हो सकती है.ज्यादा उबालने से दूध की सतह पर मोटी परत जम सकती है, जो बहुत से लोगों को अच्छी नहीं लगती.
इस बात का रखें ध्यान-
ध्यान रहे कि दूध वाली चाय एक स्वादिष्ट और पौष्टिक पेय हो सकती है, लेकिन इसे बनाने के तरीके का ध्यान रखना जरूरी है. ज्यादा उबालने से चाय और दूध दोनों के फायदे कम हो जाते हैं, और कुछ मामलों में, ये नुकसानदायक तत्व भी बना सकता है. थोड़े से बदलाव करके आप इस लोकप्रिय पेय का मज़ा ले सकते हैं और साथ ही इसके पोषण मूल्य और अपनी सेहत का भी ख्याल रख सकते हैं.
स्रोत: india.com