क्या आपको पता है हड्डी और स्किन को भी किया जा सकता है दान ? जानें किन-किन अंगों को किया जा सकता है डोनेट

क्या आपको पता है हड्डी और स्किन को भी किया जा सकता है दान ? जानें किन-किन अंगों को किया जा सकता है डोनेट

क्या आपको पता है हड्डी और स्किन को भी किया जा सकता है दान ? जानें किन-किन अंगों को किया जा सकता है डोनेट

अंगदान को महादान भी कहा जाता है, ये एक सराहनीयकार्य है, लेकिन क्या आपको पता है कि हम कौन-कौन से अंगों का दान कर सकते हैं. आइे डॉक्टर से जानते हैं.

अंग दान को महादान कहा जाता है. शरीर का कोई भी अंग दान करना काफी अच्छा कार्य है माना जाता है, ये किसी के जीवन को बचा सकता है. अंगदान के माध्यम से, एक व्यक्ति अपने शरीर के अंगों और टिश्यू (tissues ) को किसी अन्य व्यक्ति को दान कर सकता है, जिससे उस व्यक्ति की जान बच सकती है या उसकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. यह कार्य मृत्यु के बाद भी किया जा सकता है और कुछ अंगों का दान जीवन के दौरान भी संभव है. ऐसे में आज हम डॉ. आशीष गुप्ता ( हेड क्रिटिकल केयर और आई सी यु , मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम) से जानेंगे कि कौन-कौन से अंग दान किए जा सकते हैं और यह प्रक्रिया कैसे काम करती है.

कौन-कौन से अंग किए जा सकते हैं दान-

1. हृदय (दिल): हृदय का दान केवल मृत्यु के बाद किया जा सकता है. एक स्वस्थ हृदय किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जा सकता है जिसका दिल काम नहीं कर रहा हो .

2. लिवर : लिवर का दान भी मृत्यु के बाद किया जा सकता है. जीवन के दौरान, लिवर का एक हिस्सा दान किया जा सकता है, क्योंकि लिवर रिग्रो (re – grow ) भी हो जाता है.

3. किडनी : किडनी का दान सबसे आम अंगदानों में से एक है. एक स्वस्थ व्यक्ति के पास दो किडनी होती हैं, लेकिन एक ही किडनी के साथ भी सामान्य जीवन जिया जा सकता है. इसलिए, लोग जीवन में एक किडनी दान कर सकते हैं या मृत्यु के बाद दोनों किडनी दान कर सकते हैं.

4. फेफड़े: फेफड़ों का दान भी मृत्यु के बाद किया जा सकता है. जीवन के दौरान, एक फेफड़ा दान करना संभव नहीं है क्योंकि इसके बिना जीवन मुश्किल होता है.

5. आंखें: आंखों में कॉर्निया का दान किया जा सकता है, जिससे अंधे व्यक्ति को देखने की क्षमता मिल सकती है.

6. हड्डियां और त्वचा: हड्डियां और त्वचा भी मृत्यु के बाद दान की जा सकती हैं. यह अंग उन व्यक्तियों की मदद कर सकते हैं जिन्हें हड्डी के कैंसर या गंभीर जलने की चोटें हों.

अंगदान का प्रोसेस-

1. ऑर्गन डोनर का रजिस्ट्रेशन : अंगदान करने के लिए सबसे पहला कदम है रजिस्ट्रेशन. यह प्रक्रिया सरल होती है और इसे किसी भी मान्यता प्राप्त अंगदान संस्था या अस्पताल में किया जा सकता है. कई देशों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध होती है.

2.मृत्यु के बाद अंगदान: मृत्यु के बाद अंगदान के लिए, व्यक्ति को मृत्यु से पहले ही अपनी इच्छा व्यक्त करनी होती है. यह इच्छा ऑर्गन डोनर कार्ड या रजिस्ट्रेशन के माध्यम से प्रकट की जा सकती है. मृत्यु के बाद, चिकित्सा दल अंगों को निकालने के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं.

3. जीवन के दौरान अंगदान: जीवन के दौरान अंगदान के लिए, व्यक्ति को मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है. यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऑर्गन डोनर और अंग दोनों की स्वास्थ्य स्थिति सही है. इसके बाद ही अंगदान की प्रक्रिया की जाती है.

अंगदान के लाभ-

अंगदान किसी की जान बचा सकता है. उदाहरण के लिए, एक किडनी या हृदय का दान एक जीवन को बचा सकता है. कई लोग अंगदान से नया जीवन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है. अंगदान समाज के प्रति एक महान सेवा है और इससे दानदाता के परिवार को भी सपोर्ट मिलता है.

स्रोत: India.com