लंदन में रची गई हसीना सरकार गिराने की साजिश, इस ISI एजेंट से मिला था खालिद जिया का बेटा!

लंदन में रची गई हसीना सरकार गिराने की साजिश, इस ISI एजेंट से मिला था खालिद जिया का बेटा!

लंदन में रची गई हसीना सरकार गिराने की साजिश, इस ISI एजेंट से मिला था खालिद जिया का बेटा!

Bangladesh Political Crisis Update: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के लिए अमेरिका के बाद लंदन भी अपने दरवाजे बंद कर चुका है। यूके ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए चिंता जाहिर की थी। हवाला दिया था कि हिंसा की संभावित जांच उनके खिलाफ हो रही है। ऐसे में सुरक्षा मुमकिन नहीं है।

Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार गिराने के पीछे कौन है? क्या सच में साजिश रची गई थी? शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के पीछे आखिर मंशा क्या है? इसको लेकर खुफिया रिपोर्टें सामने आई हैं। जिसमें चौंकाने वाले दावे किए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी सरकार गिराने के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ है। ISI ने प्लानिंग के तहत बांग्लादेश की सरकार को गिराया है। दावा किया गया है कि इस साजिश के पीछे पाकिस्तान और आईएसआई की मंशा विपक्षी दल BNP को बहाल करना था। जिसे पाकिस्तानी समर्थक माना जाता है।

दावा किया गया है कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक प्रमुख तारिक रहमान ने सऊदी अरब में आईएसआई अधिकारियों के साथ बैठक की है। तारिक खालिद जिया के बेटे हैं। जिनके बारे में सबूत होने की बातें सामने आ रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बांग्लादेश में हिंसा को भड़काने वाली पोस्ट निरंतर अपलोड की गईं। ताकि हिंसा को बढ़ावा देकर सरकार को अस्थिर किया जा सके। 500 से अधिक नेगेटिव पोस्ट की गई हैं। इनका लिंक पाकिस्तान से मिला है।

विरोध का गलत ढंग से फायदा उठाया गया

माना जा रहा है कि तारिक और आईएसआई एजेंट्स की मीटिंग में विरोध प्रदर्शनों को संगठित करने की साजिश रची गई। जिसके बाद आईएसआई ने लंदन में हिंसा भड़काने का पूरा खाका तैयार किया। पाकिस्तानी सेना के कई अफसर भी साजिश में शामिल हैं। जिसके बाद छात्र आंदोलन को लूटपाट और आगजनी में परिवर्तित किया गया। पुलिस पर हमलों के बाद प्रदर्शनकारियों पर सख्ती बढ़ी। जिसके कारण अधिक मौतें फायरिंग से हुईं। जिसकी वजह से शेख हसीना को इस्तीफा देकर बांग्लादेश से भागना पड़ा। सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रणाली के विरोध का फायदा गलत ढंग से उठाया गया। हिंसा के बीच सरकार ने लोगों की सभी मांगें मान ली थी। इसके बाद भी हिंसा नहीं थमी और पीएम पर इस्तीफे का दबाव बढ़ाया गया। सब कुछ साजिश का हिस्सा था।

स्रोत: news24