PoJK Unrest: Protesters Take Down National Flag, Administration Stops; Government Makes Deal, Send Extra Force
पाक-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) की सड़कों पर गूंज रही आजादी की हुंकार अब पाकिस्तानी सेना, शासन और उसकी दशकों पुरानी कश्मीर नीति के खिलाफ खुली बगावत का रूप ले चुकी है। मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, हजीरा, बाघ और मीरपुर जैसे शहरों में प्रशासन ठप हो गया, सरकारी भवन खाली हैं और महिलाएं पहली बार सड़कों पर उतर आईं। इस बीच सरकार ने आंदोलनकारियों के आगे समर्पण करते हुए उनसे समझौता कर लिया है।
रावलकोट से सिटी न्यूज नेटवर्क के संवाददाता फरहान मलिक ने बताया कि सरकारी इमारतों से पाकिस्तान के झंडे उतार दिए गए हैं और फ्री कश्मीर के बैनर लगाए जा चुके हैं। कई जगह पुलिसकर्मी हथियार डालकर घर लौट गए हैं। मुजफ्फराबाद से कश्मीर डेली टाइम्स के पत्रकार अरशद हुसैन के अनुसार यह सीधे-सीधे पाकिस्तान-विरोधी आंदोलन है। लोग सीधे इस्लामाबाद के खिलाफ बोल रहे हैं। हमारा पानी, हमारी जमीन, हमें आजादी चाहिए’ जैसे नारे गलियों में गूंज रहे हैं। पुलिस चौकियां खाली हैं और सरकारी अधिकारी छिप गए हैं। ब्रिटेन-आधारित ह्यूमन राइट्स वॉच साउथ एशिया यूनिट ने चेतावनी दी है कि यदि पाकिस्तान ने पीओके में बल प्रयोग किया तो यह बलूचिस्तान-शैली विद्रोह में बदल सकता है।
पुलिस मुख्यालयों के दफ्तरों पर पहली बार नजर आए ताले
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार आंदोलन के दौरान मुजफ्फराबाद सचिवालय, राजस्व विभाग और पुलिस मुख्यालयों के दफ्तरों पर पहली बार ताले लटक गए। देश की मीडिया भी इस मुद्दे पर दो धड़ों में बंटी नजर आई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून और डॉन जैसे अखबारों ने इसे लोकल एडमिनिस्ट्रेटिव फेल्योर बताया है और केंद्र सरकार से संवाद शुरू करने की मांग की जबकि नया पाकिस्तान टीवी और जियो न्यूज जैसे चैनल इसे विदेशी साजिश करार दे रहे हैं।
इस्लामाबाद में राजनीतिक घबराहट
इस्लामाबाद के भीतर हालात को लेकर हड़कंप मचा है। आंतरिक मंत्रालय ने आपात समीक्षा बैठक में पीओके के हालात को गंभीर सुरक्षा संकट बताया है। सूत्रों के अनुसार, भावी रणनीति के लिहाज से सेना ने गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में ज्यादा से ज्यादा अतिरिक्त बल भेजने का प्रस्ताव रखा है।
बलूचिस्तान में विद्रोही हमलों में अचानक बढ़ोतरीhttp://pm-modi-haryana-visit-2025
बलूचिस्तान टाइम्स ऑनलाइन पोर्टल के अनुसार के बलूच विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि पीओके में चल रहे जनविरोधी आंदोलन और वहां पाक सेना पर पड़ रहे भारी दबाव का फायदा उठाते हुए बलूच विद्रोही गुटों ने दक्षिणी और पश्चिमी बलूचिस्तान के कई जिलों में समन्वित कार्रवाई शुरू की है। सूत्रों का कहना है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाक सेना की चौकियों, पेट्रोलिंग यूनिटों और लॉजिस्टिक काफिलों को निशाना बनाया है।