IED blast in Bijapur: भोपालपटनम के जंगल में माओवादी हमले में एक जवान घायल, सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन तेज किया

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ED blast in Bijapur

IED blast in Bijapur

ED blast in Bijapur : बीजापुर, छत्तीसगढ़ | सोमवार, 13 अक्टूबर 2025:
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सोमवार सुबह एक बार फिर माओवादी हिंसा का मामला सामने आया है। भोपालपटनम थाना क्षेत्र के नेशनल पार्क इलाके में स्थित ग्राम चिल्लामरका के जंगल में सुरक्षा बलों की टीम एरिया डॉमिनेशन अभियान पर निकली थी। इसी दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी (Pressure IED) के विस्फोट में एक जवान घायल हो गया।

जानकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम रोजाना की तरह इलाके में गश्त और तलाशी अभियान चला रही थी ताकि माओवादियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके। यह अभियान विशेष रूप से उन क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, जहाँ हाल ही में माओवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी। जब टीम चिल्लामरका जंगल के भीतर आगे बढ़ रही थी, तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ। यह विस्फोट माओवादियों द्वारा जमीन के नीचे दबाकर रखे गए आईईडी के कारण हुआ।

विस्फोट में घायल हुए जवान को साथी जवानों ने तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाकर प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद उसे भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया गया, जहाँ चिकित्सकों की टीम ने उसका प्रारंभिक इलाज किया। स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने जवान को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर जगदलपुर या रायपुर रेफर करने की सलाह दी। वर्तमान में घायल जवान की हालत स्थिर बताई जा रही है।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, माओवादी आए दिन इस तरह की कायराना हरकतें करके सुरक्षा बलों में दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब सुरक्षा बल भी पूरी मुस्तैदी के साथ जंगलों में सर्च अभियान चला रहे हैं। घटना के बाद इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है ताकि हमले के जिम्मेदार माओवादियों की तलाश की जा सके।

बीजापुर और सुकमा जैसे जिले लंबे समय से माओवादी हिंसा से प्रभावित रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे विकास कार्यों और सुरक्षा अभियानों के बावजूद नक्सली गुट अब भी कुछ इलाकों में सक्रिय हैं। हालांकि हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है, और कई वरिष्ठ माओवादी सरेंडर कर चुके हैं या मुठभेड़ में मारे गए हैं। इसके बावजूद जंगल के दुर्गम इलाकों में आईईडी विस्फोट जैसी घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि नक्सली अब भी अपनी मौजूदगी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि चिल्लामरका और आसपास के इलाकों में माओवादियों ने सुरक्षाबलों की आवाजाही रोकने के लिए कई जगहों पर बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं। ऐसे में जवानों को हर कदम पर अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है। इस घटना के बाद से सुरक्षा एजेंसियाँ क्षेत्र में माओवादियों की संभावित गतिविधियों का खाका तैयार कर रही हैं।

जिला पुलिस अधीक्षक (SP) बीजापुर ने बताया कि घायल जवान को तुरंत राहत पहुंचाई गई है और घटना की जांच जारी है। उन्होंने कहा, “हम इस तरह की घटनाओं से डरने वाले नहीं हैं। सुरक्षा बलों की रणनीति और मजबूत की जाएगी ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम रखी जा सके।”

स्थानीय प्रशासन ने भी नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार इस क्षेत्र में विकास कार्यों को बढ़ावा दे रही हैं ताकि माओवाद की जड़ को खत्म किया जा सके और स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।

इस ताज़ा बीजापुर आईईडी ब्लास्ट ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जंगलों में माओवाद का खात्मा कब तक संभव होगा। फिलहाल सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और ऑपरेशन जारी है।