Hawala Robbery Case Seoni: SIT की बड़ी कार्रवाई, 11वां पुलिसकर्मी गिरफ्तार, दो सरकारी वाहन जब्त, जांच हुई तेज

Hawala Robbery Case Seoni (सिवनी में हवाला रुपयों की डकैती मामले) में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। इस सनसनीखेज केस में विशेष जांच दल (SIT) ने 11वें फरार पुलिसकर्मी राजेश जंघेला को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले इसी मामले में SDOP पूजा पांडे और SI अर्पित भैरम सहित 10 पुलिसकर्मी पहले ही गिरफ्त में आ चुके हैं। SIT की यह ताजा कार्रवाई मामले को एक नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, हवाला के पैसों की इस डकैती में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की बात सामने आई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कुछ पुलिस अधिकारी हवाला कारोबार से जुड़े लोगों से अवैध रूप से धन वसूलने में शामिल थे। इस पूरे प्रकरण ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे हुआ खुलासा

जानकारी के मुताबिक, सिवनी जिले में कुछ महीने पहले हवाला कारोबारियों से जुड़ी एक बड़ी रकम गायब होने की शिकायत दर्ज हुई थी। जब जांच शुरू हुई तो यह मामला साधारण चोरी का नहीं, बल्कि पुलिसकर्मियों की मिलीभगत वाली डकैती का निकला। SIT ने जब गहराई से पड़ताल की, तो सबूतों और मोबाइल रिकॉर्ड्स के आधार पर कई पुलिस अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई।

इसी जांच के दौरान राजेश जंघेला, जो लंबे समय से फरार चल रहा था, पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसे गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ में कई अहम जानकारियाँ मिली हैं, जो आगे की कार्रवाई में मददगार साबित होंगी।

जब्त हुए सरकारी वाहन

SIT ने कार्रवाई के दौरान दो सरकारी वाहन और एक निजी कार भी जब्त की है। बताया जा रहा है कि ये वाहन उस समय घटनास्थल के आसपास देखे गए थे जब हवाला के पैसों की डकैती हुई थी। जांच एजेंसी अब इन वाहनों के उपयोग और लोकेशन डेटा का विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन-कौन इस पूरे रैकेट में शामिल था।

SIT ने तेज की जांच

सिवनी जिले की यह घटना अब राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। SIT ने अपनी जांच की गति और बढ़ा दी है। टीम के अनुसार, जल्द ही कुछ और पुलिसकर्मियों और बाहरी व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT ने सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है और डिजिटल सबूतों की फॉरेंसिक जांच भी शुरू कर दी गई है।

जनता में गुस्सा और सवाल

इस पूरे मामले ने जनता के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। आम नागरिक यह सवाल उठा रहे हैं कि जब कानून की रक्षा करने वाले ही अपराध में शामिल हों, तो न्याय व्यवस्था पर भरोसा कैसे किया जाए। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा साफ झलक रहा है। कई लोगों ने पारदर्शी जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए SIT को जांच जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग ने कहा है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी पद पर हों। मुख्यमंत्री ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है” और पुलिस विभाग के भीतर से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

आगे क्या?

अब सभी की निगाहें SIT की अगली रिपोर्ट पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारी हो सकती हैं। इस केस का परिणाम न केवल सिवनी पुलिस पर, बल्कि पूरे राज्य की पुलिस छवि पर असर डालेगा।

Hawala Robbery Case Seoni अब एक मिसाल बन गया है कि कैसे कानून के रखवालों को भी न्याय के कटघरे में लाया जा सकता है। उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को सजा मिलेगी ताकि आम जनता का पुलिस पर भरोसा फिर से कायम हो सके।