Chhota Bheem Movie Review: एक तरफ बच्चों की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, तो दूसरी तरफ सिनेमाघरों में ‘छोटा भीम एंड द कर्स ऑफ द डैमयान’ रिलीज हो गई है. ऐसे में मेकर्स ने फिल्म को रिलीज करने का सही समय ढूंढा है. बच्चों के साथ इस फिल्म को पैरेंट्स भी एन्जॉय कर सकते हैं.
गर्मी की छुट्टियों के साथ ही फिल्ममेकर राजीव चिलका बच्चों के लिए एक परफेक्ट फिल्म लेकर आए हैं, जिसका नाम है ‘छोटा भीम एंड द कर्स ऑफ द डैमयान’. बच्चों के बीच छोटा भीम का किरदार शुरू से ही पसंदीदा रहा है, जिसे वह बड़े पर्दे पर देख बेहद खुश होने वाले हैं. दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर, मकरंद देशपांडे, संजय बिश्नोई और यज्ञ भसीन ने अपने शानदार प्रदर्शन से फिल्म में चार चांद लगाने का काम किया है.
फिल्म की कहानी सांपों का दुष्ट राक्षस सरदार दमयान से शुरू होती है, जिसे 1000 साल पहले जमीन के नीचे गुरु संभू (अनुपम खेर) के एक श्रॉप के जरिए दबा दिया गया था और अब वह वापस आ गया है. उसका मकसद दुनिया के साभी इंसानों को सांप में तबदील करना है. वहीं, दूसरी ओर भीम के रूप में यज्ञ भसीन की एंट्री एक बर्फीले पहाड़ी पर भेड़ियों के एक झुंड से लड़ते हुए होती है, जिसकी वीरता की कहानी उसके गांव ढोलकपुर में काफी मशहूर है.
दरअसल, 1000 साल पहले दमयान अमर होते-होते रह गया था, क्योंकि उस दौरान गुरू संभू अपने साथियों के साथ दमयान को अमर होने से रोक दिए थे और अपनी जान गंवाते हुए उसे पूरे सोनापुर के साथ धरती के नीचे दबा देते हैं. अब जब दमयान आजाद हो चुका है तो उसे अमर होना है और उसे एक वीर इंसान की तलाश है, जिसकी आहूती देने के बाद, वह अमर हो जाएगा और हर इंसान को सांप बना देगा.
इसके लिए वह अपने साथियों स्कंदी और तक्षिका को ढोलकपुर के राजा इंद्रवर्मा के पास भेजता है, और कहता है कि वे राजा को सोनापुर के बारे में बताएं, ताकि राजा अपने राज्य के सबसे वीर इंसान को लेकर इसकी खोज में निकल पड़े और होता भी कुछ ऐसा ही है. भीम के वापस लौटते ही राजा उन्हें अपने पास बुलाते हैं और सोनापुर की खोज में लगा देते हैं और भीम अपने दोस्तों ढोलू भोलू, चुटकी, जग्गू और राजू के सात सोनापुर की खोज पर निकल पड़ता है.
इसके बाद, सभी की मुलाकात दमयान से होती है और तब भीस को पता चलता है कि दमयान अनर होना चाहता है और सभी इंसान को सांप बनाना चाहता है. दुनिया को दमयान से बचाने के लिए भीम अपने दोस्तों के साथ अपने गुरू की मदद से 1000 साल पहले पहुंच जाता है, फिर उसके बाद क्या होता है इसके लिए आपको सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगा.
कुल मिलाकर देखा जाए तो राजिव चिलका के निर्देशन में बनी यह फिल्म बच्चों के लिए परफेक्ट है. फिल्म में एनिमेशन का कामक बच्चों के लिए हिलाज से काफी अच्छा है. फिल्म की कहानी भी बच्चों को बेहद पसंद आने वाली है. अभिनय की बात करें तो फिल्म में अनुपम खेर, मकरंद देशपांडे, संजय बिश्नोई और यज्ञ भसीन के अलावा आपको सभी की एक्टिंग भी काफी पसंद आएगी. पूरी फिल्म में बच्चे खुश नजर आएंगे.
वहीं, संगीत की बात करें तो शान, सुखविंदर सिंह, अमित मिश्रा और राघव सच्चर अपनी-अपनी आवाजों से भी आपका दिल जीत लेंगे, तो बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टियों के बीच राजिव चिलका की यह फिल्म एक बड़ा तोहफा है. मेरी ओर से फिल्म को 3 स्टार.