चेन्नई।
चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुलमुरुगन की बेंच को बताया कि बिहार की तरह ही यह प्रक्रिया तमिलनाडु में भी हफ्ते भर के अंदर शुरू की जाएगी।
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बिहार के बाद अब तमिलनाडु में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेसिव रिवीजन) कराने की तैयारियां कर ली गई हैं। निर्वाचन आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि वह तमिलनाडु समेत चुनावी राज्यों में एसआईआर का अभियान अगले हफ्ते से शुरू करेगा।
चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुलमुरुगन की बेंच को बताया कि बिहार की तरह ही यह प्रक्रिया तमिलनाडु में भी हफ्ते भर के अंदर शुरू की जाएगी।
हाईकोर्ट को ईसी की तरफ से यह जानकारी ऐसे समय में दी गई है, जब ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एआईएडीएमके) पार्टी के पूर्व विधायक बी. सत्यनारायणन की याचिका पर सुनवाई जारी है। पूर्व विधायक का आरोप है कि चेन्नई के टी. नगर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अधिकारियों ने लगभग 13,000 एआईएडीएमके समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए। याचिकाकर्ता के अनुसार, 1998 में क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 2,08,349 थी, जबकि 2021 तक यह केवल 36,656 बढ़ी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या और मतदाता संख्या में बड़ा अंतर है। उनका यह भी आरोप है कि जहां 13,000 समर्थकों के नाम हटा दिए गए हैं, वहीं मृत व्यक्तियों के नाम अब भी सूची में बने हुए हैं।” सत्यनारायण का आरोप है कि इससे द्रविड़ मुनेत्र कझगम (द्रमुक) को फायदा हुआ। पूर्व विधायक ने अदालत से अपील की कि 2026 विधानसभा चुनावों से पहले टी. नगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची का पूर्ण पुनरीक्षण किया जाए और गलत एंट्रीज को हटाकर अंतिम सूची जारी की जाए।
निर्वाचन आयोग ने अदालत को भरोसा दिया कि प्रस्तावित एसआईआर के दौरान याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दी और आयोग को निर्देश दिया कि बिहार एसआईआर से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की कॉपी पेश की जाए














