Fake Speech Shehbaz Sharif: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भाषण देते हुए दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने इस साल भारत के साथ हुए सैन्य टकराव में 7 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया और उन्हें ‘कबाड़’ बना दिया । शहबाज शरीफ ने अपने पायलटों की तारीफ करते हुए उन्हें ‘बाज़’ कहा और कहा कि हमारे फाल्कन्स ने उड़ान भरी और 7 भारतीय विमानों को गिरा दिया ।
हालांकि, पाकिस्तान पहले भी भारतीय वायुसेना के 5 विमान गिराने का दावा करता रहा है, लेकिन भारत ने हमेशा इन बातों को बेसलेस और सबूतों से रहित बताया है. शरीफ ने आरोप लगाया कि मई 2025 में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान पर हमला किया था. यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी) के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया था. शरीफ ने कहा कि भारत ने इस घटना को राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल किया.
भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक और मिसाइल हमले किए गए. भारत ने यह सुनिश्चित किया कि निशाना सिर्फ आतंकी ढांचा बने, नागरिक और सेना पर हमला न हो. बाद में दोनों देशों में युद्धविराम हुआ, जब पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय DGMO से संपर्क किया. इससे पहले शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. यह पिछले छह साल में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली अमेरिकी यात्रा थी. शरीफ ने ट्रंप को ‘शांति का आदमी” बताते हुए उनकी सराहना की और कहा कि उनकी कोशिशों से भारत-पाकिस्तान में संघर्ष विराम संभव हुआ.संयुक्त राष्ट्र की 80वीं महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को घेरने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर झूठा बयान देते हुए कहा कि भारत ने इसका राजनीतिक फायदा उठाया। असलियत यह है कि हमला आतंकी था और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने ही इसे अंजाम दिया। यूएन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की यह बयानबाजी उसकी हताशा को साफ दिखाती है। शरीफ ने दावा किया कि हालिया संघर्ष में पाकिस्तान विजयी रहा और अब शांति चाहता है। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पनाह देता रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार यह उजागर हो चुका है कि भारत में होने वाले हमलों के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकाने जिम्मेदार हैं। शांति की बात करने वाला पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाने से हमेशा बचता रहा है।
बात करें जीत की तो पाकिस्तान ही सीजफायर के लिए गिड़गिड़ा रहा था। अपने भाषण में शरीफ ने मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संघर्ष विराम के लिए धन्यवाद दिया और यहां तक कह डाला कि पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है। यह बयान पाकिस्तान की गंभीरता पर सवाल उठाता है। पाकिस्तान ने आतंकवाद को काबू करने के बजाय कूटनीतिक मंचों पर अनर्गल बयानबाजी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। शरीफ ने भारत पर सिंधु जल संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और धमकी दी कि पाकिस्तान अपने नागरिकों के पानी के अधिकार की रक्षा करेगा। जबकि हकीकत यह है कि भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया है। पाकिस्तान की इस तरह की बयानबाजी केवल आंतरिक असफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. Fake Speech Shehbaz Sharif क्या है?
Ans: यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ का झूठा या भ्रामक भाषण है, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर गलत दावे किए और डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ़ की।
Q2. Fake Speech Shehbaz Sharif क्यों चर्चा में है?
Ans: यह भाषण इसलिए चर्चा में है क्योंकि इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रामक बयानबाज़ी की गई।
Q3. ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
Ans: ऑपरेशन सिंदूर भारत का एक विशेष सैन्य अभियान है, जिसके बारे में पाकिस्तान लगातार गलत जानकारी फैलाता रहा है।
Q4. क्या वास्तव में Shehbaz Sharif ने ट्रंप की तारीफ़ की?
Ans: हाँ, भाषण में शहबाज़ शरीफ़ ने ट्रंप की जमकर तारीफ़ की, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उनके बयान को Fake Speech माना जा रहा है।
Q5. Fake Speech Shehbaz Sharif का असर क्या होगा?
Ans: इस भाषण से पाकिस्तान की साख पर सवाल उठे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसे प्रचार और झूठे दावों के रूप में देखा जा रहा है।