Siddhivinayak Temple Prasad Controversy सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद

Siddhivinayak Temple Prasad Controversy सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद

Siddhivinayak Temple Prasad Controversy       सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद

Siddhivinayak Temple Prasad Controversy : मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में प्रसाद की तैयारी को लेकर विवाद हुआ है।1 एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे थे। यह मुद्दा हिंदू मंदिर प्रशासन, धार्मिक परंपराओं, सेक्युलर वाद और सार्वजनिक भावनाओं को प्रभावित करता है।

मंदिर प्रशासन ने वीडियो के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह वीडियो मंदिर से संबंधित नहीं है। उन्होंने स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया।1 उन्होंने कहा कि वे खाद्य सुरक्षा विनियमनों का पालन करते हैं।

प्रमुख बिंदु

  • सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद ने हिंदू मंदिर प्रशासन, धार्मिक परंपराओं और सेक्युलर वाद के बीच टकराव को उजागर किया।
  • मंदिर प्रशासन ने स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन किया होने का दावा किया है।
  • सामाजिक मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को जनता के सामने लाया।
  • इस विवाद में खाद्य सुरक्षा विनियमनों और कानूनी प्रभाव की भूमिका रही।
  • इस मुद्दे पर मीडिया कवरेज और सार्वजनिक चर्चा ने सामाजिक प्रभाव डाला।

प्रसाद विवाद का परिचय

सिद्धिविनायक मंदिर में एक विवाद हुआ। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कहा गया कि मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे हैं।2 इस विवाद ने मंदिर प्रशासन को जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया।

सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डू में चूहे के बच्चों का मिलना

एक वीडियो में दावा किया गया कि सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और मंदिर प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया।3

सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की प्रतिक्रिया

मंदिर प्रशासन के अध्यक्ष, सदा सरवणकर, ने आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वीडियो मंदिर से संबंधित नहीं है।2 उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रसाद तैयार करते समय सख्त स्वच्छता और सुरक्षा मानक हैं।

विषयआंकड़े
मिले समाचार परिणाम1000
वीडियो परिणाम1000
फोटो परिणाम22
वेब कहानी परिणाम87

इस विवाद ने मीडिया में एक बड़ा चक्र शुरू किया। इसमें कई समाचार, वीडियो और फोटो शामिल थे।2

“मंदिर में प्रसाद तैयारी के लिए सख्त स्वच्छता और सुरक्षा मानदंड लागू हैं, और सभी कच्चे माल की जांच लगातार की जाती है।”

प्रसाद तैयारी के लिए उठाए गए कदम

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने प्रसाद तैयारी के लिए सुरक्षा और स्वच्छता के नियम बनाए हैं।4 वे घी और अन्य सामग्रियों की जांच करते हैं।4 इन्हें महानगरपालिका की प्रयोगशाला में भेजा जाता है।4 केवल प्रमाणित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।4

सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के अनुसार, कर्मचारियों को स्वच्छता और सुरक्षा का पालन करना होता है।4 उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रशिक्षण दिया जाता है।4 इससे प्रसाद तैयारी में कोई खामी नहीं होती।4

घी और अन्य कच्चे माल की जांच

घी और अन्य सामग्रियों की निरंतर जांच की जाती है।4 नमूने महानगरपालिका की प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं।4 केवल प्रमाणित सामग्रियों का उपयोग किया जाता है।4 इससे प्रसाद में गड़बड़ी नहीं होती।4

इन कदमों से मंदिर में प्रसाद तैयारी पारदर्शी और विश्वसनीय हो गई है।4 भक्तों को विश्वास होता है।4 प्रसाद की गुणवत्ता पर संदेह नहीं रहता।4

तिरुपति लड्डू विवाद और सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान

हाल ही में, तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट का मामला सामने आया।5 विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।5 विहिप का कहना है कि यह मामला दुनिया भर के श्री वेंकटेश्वर स्वामी के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को आहत कर रहा है।

पशु चर्बी की मिलावट का आरोप

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दाखिल की। उन्होंने तिरुपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी का आरोप लगाया।5 तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक स्वतंत्र समिति की मांग की। उन्होंने घी में पशु चर्बी के आरोपों की जांच करने की बात कही।

विश्व हिंदू परिषद की याचिका और जांच की मांग

विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की। उन्होंने तिरुपति लड्डू के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट के मामले का संज्ञान लेने की मांग की।5 विहिप का मानना है कि इस प्रकरण से श्री वेंकटेश्वर स्वामी के करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।

इसके साथ ही, सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद की शुद्धता पर भी सवाल उठ रहे हैं।5 विश्व हिंदू परिषद ने इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग की।

“इस प्रकरण से श्री वेंकटेश्वर स्वामी के करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।”

कुल मिलाकर, तिरुपति लड्डू और सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहे या पशु चर्बी की मिलावट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। विश्व हिंदू परिषद और अन्य पक्षों की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर अदालत द्वारा जांच की मांग की जा रही है।

Siddhivinayak Temple Prasad Controversy Explained

The Shree Siddhivinayak Ganapati Temple in Mumbai is at the center of a controversy. It’s about the prasad (devotional offering) they prepare6. The temple makes around 30,000 laddoos and 20,000 coconut barfis daily6. On busy days, it stays open for 12 hours, with visitors tripling on Sundays and Tuesdays6.

A viral video claimed to show baby mice in the laddoos6. But the temple says the video is fake and they follow strict hygiene and safety rules6. The kitchen staff, around 50 members, have regular medical check-ups since 20156.

India has a vast religious landscape, with over three million places of worship6. The Shree Siddhivinayak Ganapati Temple is one of the most revered, attracting millions yearly. They are committed to keeping the prasad pure and of high quality.

The temple has invested Rs 2.5 crore in a new kitchen to improve safety and hygiene6. This move is similar to other famous temples in India, like Tirumala Tirupati Devasthanam, which makes 3.5 lakh laddoos daily6. The Tamil Nadu government has also implemented food safety systems in 20 temples6.

The controversy highlights the need for high food safety and hygiene in religious institutions6. These places are not just for worship but also for social and cultural gatherings6. The temple’s efforts to maintain quality and purity are an example for the country6.

Ensuring Transparency and Accountability

The Siddhivinayak Temple has taken steps to ensure transparency and accountability7. They have put up 30 to 40 hoardings to warn about the VVIP queue scam7. The temple has also reported an employee involved in the scam to the police7.

The temple advises devotees not to give money to flower sellers and street shopkeepers7. They have increased surveillance to catch any agents involved in scams7. They are considering installing more cameras for better security and transparency7.

These actions show the temple’s commitment to the devotees’ trust7. By addressing concerns and implementing measures, they aim to restore public confidence and maintain the sanctity of the prasad offering7.

The Siddhivinayak Temple controversy is a wake-up call for all religious institutions in India6. These temples must prioritize food safety and hygiene in prasad preparation and distribution6. By addressing this issue, the temple has shown its commitment to quality and purity, setting a benchmark for others.

“The temple administration has firmly refuted these allegations, stating that the strict hygiene and safety protocols are in place for the preparation of the prasad.”

कर्नाटक सरकार का निर्देश

कर्नाटक सरकार ने मंदिर प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 34,000 से अधिक मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है।8 यह निर्देश मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए है।

नंदिनी ब्रांड घी का अनिवार्य इस्तेमाल

इस निर्देश से मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह स्थानीय किसानों और उद्योगों को भी फायदा पहुंचाएगा। नंदिनी ब्रांड के घी का उपयोग सुनिश्चित करेगा कि मंदिर प्रसाद सुरक्षित और शुद्ध हो।

सरकार का मकसद मंदिरों में गलत प्रथाओं और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। सरकार का लक्ष्य मंदिर प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।

इस निर्देश से मंदिर प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह स्थानीय किसानों और उद्योगों को भी लाभ पहुंचाएगा। नंदिनी ब्रांड के घी का उपयोग सुनिश्चित करेगा कि मंदिर प्रसाद सुरक्षित और शुद्ध हो।

“यह निर्देश मंदिरों में होने वाली किसी भी गलत प्रथाओं या भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जारी किया गया है।”

इस निर्देश से मंदिर प्रसाद की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह स्थानीय किसानों और उद्योगों को भी लाभ पहुंचाएगा। नंदिनी ब्रांड के घी का उपयोग सुनिश्चित करेगा कि मंदिर प्रसाद सुरक्षित और शुद्ध हो।8

मीडिया की भूमिका और सामाजिक प्रभाव

सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद में मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है।9 एक वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को लोगों के सामने लाया। यह विवाद मंदिर प्रशासन और समाज पर बड़ा प्रभाव डाल रहा है।

मीडिया ने इस मुद्दे को देश भर में चर्चा में लाया। यह धार्मिक और सामाजिक परंपराओं के बीच टकराव का कारण बना। यह एक जटिल मुद्दा है जिसने समाज में बहुत सारी बहसें शुरू की हैं।

मीडिया ने लोगों को प्रसाद खरीदने से पहले सावधानी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इससे मंदिर प्रशासन को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस प्रकार, मीडिया ने समाज पर बड़ा प्रभाव डाला है। यह विवाद धार्मिक और नैतिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है। मीडिया ने इस मुद्दे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

“मीडिया की कवरेज ने इस विवाद को जनता के सामने लाकर खड़ा कर दिया है और एक महत्वपूर्ण समाज संवाद को जन्म दिया है।”

विश्वसनीयता और भरोसे का मुद्दा

इस विवाद ने सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन की विश्वसनीयता और भरोसे को बहुत प्रभावित किया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या मंदिर प्रसाद की तैयारी में कोई समस्या है।10 मंदिर प्रशासन को इस मुद्दे पर स्पष्टता दिखानी होगी। उन्हें भक्तों का विश्वास प्राप्त करना होगा।

मंदिर प्रशासन के कदमों ने भी लोगों के मन में संदेह पैदा किया है।11 उन्होंने प्रसाद वितरण में कुछ नियम लागू किए हैं। यह कुछ भक्तों के लिए परेशानी का कारण बना है।

इस विवाद से मंदिर प्रशासन को अपनी विश्वसनीयता और भक्तों के भरोसे को फिर से स्थापित करना होगा।10 उन्हें पारदर्शिता से काम करना होगा। भक्तों की चिंताओं को गंभीरता से लेना होगा।

“विश्वास और पारदर्शिता एक मंदिर की मजबूती का आधार हैं। सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन को इन मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की जरूरत है।”

यह मुद्दा मंदिर प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह उनकी प्रतिष्ठा और धार्मिक संस्था के रूप में उनकी भूमिका पर प्रश्न चिह्न लगा रहा है। मंदिर प्रशासन को तेजी से और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी।

धार्मिक परंपराओं और सेकुलर ढांचे का टकराव

प्रसाद विवाद ने धार्मिक और सेकुलर ढांचे के बीच टकराव पैदा किया है।12 यह मुद्दा मंदिर प्रशासन और समाज को प्रभावित कर रहा है।12 धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के बीच भी तनाव बढ़ गया है।

धर्म और राज्य के बीच सीमाएं स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं।12 कुछ धार्मिक संगठन प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं।12 वहीं, सेकुलर संगठन मानते हैं कि राज्य को धार्मिक गतिविधियों में दखल नहीं देना चाहिए।12

यह विवाद धार्मिक और सेकुलर शक्तियों के बीच टकराव को बढ़ा रहा है।12 विश्वास और एकजुटता कमजोर हो रही है।12 इस टकराव को समझने और संतुलन बनाने की जरूरत है।12

इस प्रकार, प्रसाद विवाद धर्म और राज्य के बीच की परेशानी को उजागर कर रहा है।12 समाधान कठिन है, लेकिन एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है।12

“धार्मिक परंपराओं और सेकुलर ढांचे के बीच संतुलन बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह एक आवश्यक कदम है।”

एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है।12 इससे धार्मिक पहचान और सेकुलर मूल्यों के बीच समझदारी और सहअस्तित्व बनेगा।12

यह विवाद धार्मिक और सेकुलर समुदायों के बीच विभाजन का कारण बन सकता है।12 देश की एकता और सामाजिक सौहार्द पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।12 एक समग्र दृष्टिकोण से इस संकट का समाधान किया जा सकता है।12

प्रसाद विवाद से निकले सबक

प्रसाद विवाद से हमें कई सबक मिले हैं। यह हमें सिखाता है कि मंदिरों को प्रसाद तैयारी में सावधानी से काम करना चाहिए।13 उन्हें पारदर्शिता और निगरानी का ध्यान रखना होगा।

इसके अलावा, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को अपनी प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखना होगा। उन्हें अधिक सावधानी से काम करना होगा।

मंदिरों को अपने प्रसाद तैयारी प्रक्रिया पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।9 उन्हें सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का पालन करना होगा।14 प्रसाद की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

इस विवाद से यह भी पता चला है कि धार्मिक संस्थाओं को पारदर्शिता और जवाबदेही का ध्यान रखना चाहिए। जनता के विश्वास को बनाए रखना उनका मुख्य कर्तव्य है।

“धर्म और सेक्युलरिज्म के बीच संतुलन बनाए रखना एक चुनौती है, जिसका सामना हर धार्मिक संस्था को करना पड़ता है।”

इन सबक से यह भी पता चलता है कि प्रसाद विवाद जैसे मुद्दों पर तेज प्रतिक्रिया देकर मीडिया भी अहम भूमिका निभा सकता है। सरकार और संस्थाएं भी तत्काल कदम उठा सकती हैं।

निष्कर्ष

सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद एक बड़ा मुद्दा है। यह न केवल मंदिर प्रशासन को प्रभावित करता है, बल्कि पूरे धार्मिक और सामाजिक परिदृश्य को भी प्रभावित करता है।15 यह विवाद धार्मिक परंपराओं और सेकुलर ढांचे के बीच टकराव को भी दिखाता है।

इस विवाद से कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं।16 इनमें से एक यह है कि प्रसाद तैयारी और वितरण में सख्त स्वच्छता और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। कच्चे माल की जांच और स्वच्छता की निगरानी भी महत्वपूर्ण है।

हमें लगता है कि सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद विवाद से प्राप्त सबक का पालन करना बहुत जरूरी है।16 इससे न केवल प्रसाद की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है, बल्कि धार्मिक और सेकुलर ढांचे के बीच एक स्वस्थ संतुलन भी बना रह सकता है।

FAQ

क्या सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे पाए गए थे?

नहीं, मंदिर प्रशासन ने इस आरोप को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो मंदिर परिसर से संबंधित नहीं है। मंदिर में प्रसाद तैयारी के लिए सख्त स्वच्छता और सुरक्षा मानदंड लागू किए गए हैं।

मंदिर में प्रसाद तैयारी के लिए क्या प्रोटोकॉल हैं?

मंदिर प्रशासन ने बताया कि प्रसाद तैयारी के लिए कड़े सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी और अन्य कच्चे माल की लगातार जांच की जाती है। केवल प्रमाणित सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाता है।

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट के मामले में क्या हुआ?

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की मिलावट का मामला सामने आया था। इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। अब सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद की शुद्धता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग की है।

कर्नाटक सरकार ने मंदिर प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिया क्या कदम उठाया है?

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने एक निर्देश जारी किया है। राज्य के मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी 34,000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। यह कदम मंदिर प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

इस विवाद से क्या सबक मिलते हैं?

इस विवाद से कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं। यह दर्शाता है कि मंदिर प्रशासनों को प्रसाद तैयारी प्रक्रिया में कड़ी निगरानी और पारदर्शिता बरतनी होगी। साथ ही, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को भी अपनी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।

स्रोत लिंक

  1. https://www.aajtak.in/india/news/story/aajtak-investigation-amid-tirupati-laddu-controversy-how-prasad-prepared-in-kashi-vishwanath-siddhivinayak-and-mahakaleshwar-temple-ntc-rptc-2048112-2024-09-20 – काशी विश्वनाथ, शिरडी और महाकालेश्वर मंदिर में कैसे बनता है प्रसाद? तिरुपति के लड्डू विवाद के बीच आजतक की पड़ताल
  2. https://www.ndtv.com/topic/controversy – Controversy: Latest News, Photos, Videos on Controversy – NDTV.COM
  3. https://www.iima.ac.in/sites/default/files/2024-08/IGPC Temple Gold Report Final (1).pdf – PDF
  4. https://worldpress24x7.wordpress.com/author/spannews/ – spannews
  5. https://www.jagran.com/news/national-vhp-says-supreme-court-should-take-suo-motu-cognizance-of-adulteration-of-animal-fat-in-tirupati-laddu-23802975.html – Tirupati Laddu विवाद मामले में विश्व हिंदू परिषद का फूटा गुस्सा, कहा- सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान ले – VHP says Supreme Court should take suo motu cognizance of adulteration of animal fat in Tirupati Laddu
  6. https://m.economictimes.com/news/politics-and-nation/how-mumbais-siddhivinayak-temple-is-ensuring-its-prasad-is-holy-and-hygienic/articleshow/58439066.cms – How Mumbai’s Siddhivinayak temple is ensuring its prasad is holy and hygienic
  7. https://www.mid-day.com/mumbai/mumbai-news/article/stay-away-from-touts-siddhivinayak-temple-trust-23312797 – Stay away from touts: Siddhivinayak temple trust
  8. https://sanatanprabhat.org/english/92067.html – How will the Government, which failed to run the corporations, manage the temples ? – Sanatan Prabhat
  9. https://soochac.com/ – Hindi News | हिन्दी न्यूज़ | Latest and Breaking News in Hindi – Soochac
  10. https://lawyerslaw.org/detailed-review-of-the-bnss-act-2023/ – Detailed Review Of The BNSS Act, 2023
  11. https://www.livelaw.in/round-ups/yearly/bombay-high-court-annual-digest-2023-part-ii-245593 – Bombay High Court Annual Digest 2023: Part II
  12. http://bharatswabhiman-vinay.blogspot.com/2012/ – भारत स्वाभिमान Pride of Bharat –
  13. https://archives.ndtv.com/videos/2023-09.html – News Videos &amp Television News Videos Archive for September, 2023: Daily News Archive
  14. https://thepublishersarchive.com/all-single-home-page/latest-news/ – ताज़ा खबर – Hindi News, News Archive, News Hub, झारखंड न्यूज़, बिहार न्यूज़ , Jharkhand News, Latest news, Breaking news in Hindi, ताज़ा खबर
  15. https://bansalnews.com/jagan-mohan-reddy-government-chandrababu-naidu-raised-questions-about-prasad-dividing-the-world-famous-tirupati-temple-hindi-news-abc/ – Tirupati Temple Prasad: चंद्रबाबू नायडू के आरोप पर YSRCP का पलटवार
  16. https://foodsafetynews.wordpress.com/category/news/page/381/ – NEWS – Page 381 – FOOD SAFETY NEWS-உணவே உலகம்