Ujjain Mahakal: भस्म आरती में श्री कृष्ण स्वरूप में सजे बाबा महाकाल,

Ujjain Mahakal:

उज्जैन, 9 अक्टूबर 2025:
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज की भस्म आरती का आयोजन विशेष रूप से हुआ।
इस बार बाबा महाकाल ने श्री कृष्ण स्वरूप में भक्तों के सामने दर्शन दिए।
भव्य भस्म आरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और मंदिर परिसर में आध्यात्मिक वातावरण बना रहा।


🔹 भस्म आरती और श्री कृष्ण स्वरूप

भस्म आरती महाकालेश्वर मंदिर की विशेष परंपरा है।

  • भगवान शिव का प्रतीक महाकाल, भस्म से आभूषित होकर भक्तों के बीच उपस्थित होते हैं।
  • इस बार विशेष आकर्षण रहा जब बाबा महाकाल को श्री कृष्ण की मूर्ति और श्रृंगार में सजाया गया।
  • भक्तों ने मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन और प्रार्थना में भाग लिया।

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🌍 वैश्विक और स्थानीय प्रतिक्रियाएँ

  • स्थानीय प्रशासन ने कहा कि भस्म आरती में सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
  • भक्तों ने इस अवसर को आध्यात्मिक अनुभव और शांति का प्रतीक बताया।
  • मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे “Ujjain में भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम” करार दिया।

📌 महत्व

  1. आध्यात्मिक ऊर्जा: भस्म आरती में भगवान महाकाल का दर्शन करना भक्तों के लिए आस्था का सर्वोच्च अनुभव है।
  2. धार्मिक परंपरा: यह महाकालेश्वर मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखता है।
  3. सांस्कृतिक उत्सव: विशेष अवसरों पर मंदिर में सजावट और श्रृंगार भक्तों को आकर्षित करता है।
  4. भक्तों की भागीदारी: हजारों श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लेकर अपनी भक्ति जताई।

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर आज गुरुवार सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस दौरान भक्तों ने देर रात से ही लाइन में लगकर अपने ईष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शन किए। आज बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। आज पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से भी गुंजायमान हो गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि गुरुवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का श्री कृष्ण के स्वरूप में शृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट के साथ रुद्राक्ष और मुंड माला धारण कराई। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। आज के शृंगार की विशेषता यह थीं कि आज बाबा महाकाल को श्री कृष्ण स्वरूप में शृंगार कर उन्हें सजाया गया था। जिसके दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।