बिजनेस डेस्क। धनतेरस और दीवाली के मौके पर सोना खरीदना भारतीय परंपरा का अहम हिस्सा है। हर साल लाखों लोग इस शुभ अवसर पर सोने के आभूषण, सिक्के और बिस्किट खरीदते हैं, लेकिन पिछले एक साल में सोने की कीमतों में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी के बाद उपभोक्ताओं के लिए सोने की शुद्धता की जांच और भी जरूरी हो गई है।
अब सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अगर, हॉलमार्क सोने की शुद्धता तय मानक से कम पाई जाती है, तो उपभोक्ता को मुआवजा मिलेगा।
क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग?
भारत सरकार ने सोने की शुद्धता तय करने के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग प्रणाली लागू की है।
- पहला चरण: 16 जून 2021 से 256 जिलों में लागू हुआ।
- दूसरा चरण: 4 अप्रैल 2022 से 32 जिले और जुड़े।
- तीसरा चरण: 6 सितंबर 2023 को 55 नए जिलों में लागू हुआ।
- चौथा चरण (नवीनतम): 5 नवंबर 2024 को 18 जिलों में जोड़ा गया।
अब देश के 361 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य है। यानी 14 नवंबर 2024 के बाद इन जिलों में कोई भी सोना हॉलमार्क के बिना नहीं बेचा जा सकता।
कैसे करें हॉलमार्क की जांच?
हर सोने के आभूषण पर अब एक 6-अंकों का अल्फान्यूमेरिक HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर अनिवार्य है। ग्राहक इस नंबर को BIS Care App के “Verify HUID” फीचर में दर्ज कर शुद्धता की जांच कर सकते हैं। यह ऐप सोने की असलियत और उसकी कैरेट शुद्धता की पूरी जानकारी देता है।















