महिलाओं को इन 5 बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा ! वक्त रहते उठाएं जरूरी कदम, डिजीज की टेंशन होगी दूर

महिलाओं को इन 5 बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा ! वक्त रहते उठाएं जरूरी कदम, डिजीज की टेंशन होगी दूर

महिलाओं को इन 5 बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा ! वक्त रहते उठाएं जरूरी कदम, डिजीज की टेंशन होगी दूर
Facts About Women Health: आमतौर पर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा पुरुषों को ज्यादा होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं को हार्ट डिजीज और कैंसर का खतरा पुरुषों से कई गुना ज्यादा होता है.

Top 5 Women’s Health Concerns: महिलाओं के लिए हेल्दी रहना पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा चैलेंजिंग होता है. महिलाओं को हेल्थ सेे संबंधित परेशानियां ज्यादा होती हैं और इनसे बचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. महिलाओं को इन बीमारियों से बचने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए और समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए. आज आपको बता रहे हैं कि महिलाओं को कौन सी 5 बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है और इनसे किस तरह बचा जा सकता है.

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को हार्ट डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है. यूएस CDC के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में अमेरिका में करीब 20 प्रतिशत मौतें हार्ट डिजीज की वजह से हुई थीं. महिलाओं को 40 से 60 की उम्र के बीच हार्ट डिजीज का खतरा होता है और उन्हें इसका पता भी नहीं चलता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो अच्छी लाइफस्टाइल और बेहतर खान-पान से हार्ट डिजीज का खतरा 82% कम हो सकता है.

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे कॉमन कैंसर होता है. हर साल लाखों की संख्या में महिलाएं इस जानलेवा बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा देती हैं. फैमिली हिस्ट्री से लेकर तमाम फैक्टर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं. इससे बचने के लिए महिलाओं को अच्छी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट के अलावा समय-समय पर कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए. वक्त रहते कैंसर का पता लग जाए, तो इसे ठीक भी किया जा सकता है.

महिलाओं को ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी ज्यादा होता है. सर्विकल कैंसर बच्चेदानी के मुंह का कैंसर होता है, जबकि ओवेरियन कैंसर अंडाशय का कैंसर होता है. सर्वाइकल कैंसर का खतरा HPV वैक्सीन के जरिए 90 फीसदी तक कम किया जा सकता है. अगर बच्चियों को 9 साल के बाद इस वैक्सीन को लगा दिया जाए, तो सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है. ओवेरियन कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो महिलाओं को एंजायटी और डिप्रेशन का खतरा करीब 3 गुना ज्यादा होता है. एंजायटी और डिप्रेशन का असर मेंटल हेल्थ पर ही नहीं, बल्कि फिजिकल हेल्थ पर भी बुरी तरह होता है. इससे बचने के लिए महिलाओं को स्ट्रेस को मैनेज करना चाहिए और खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए. साइकेट्रिस्ट की मदद से आप एंजायटी और डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते हैं.

अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार, इनफर्टिलिटी की समस्या महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है. जानकारों की मानें तो 30-35 साल के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी में गिरावट आने लगती है और कई बार यह प्रेग्नेंसी में बाधा बनने लगती है. इसके अलावा भी महिलाओं को कई तरह की रिप्रोडक्टिव समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है. इससे बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से मिलकर चेकअप कराना चाहिए.

स्रोतः न्यूज 18