हाथरस भगदड़: बर्फ की सिल्लियों पर शव, परिजन कर रहे पोस्टमार्टम का इंतजार- लापता लोगों की तलाश में कई परिवार

हाथरस भगदड़: बर्फ की सिल्लियों पर शव, परिजन कर रहे पोस्टमार्टम का इंतजार- लापता लोगों की तलाश में कई परिवार

हाथरस भगदड़: बर्फ की सिल्लियों पर शव, परिजन कर रहे पोस्टमार्टम का इंतजार- लापता लोगों की तलाश में कई परिवार

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ के सत्संग में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए. इसी दौरान भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

Hathras Stampede: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ के सत्संग के दौरान भगदड़ में सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई. अस्पताल के अंदर शव बर्फ की सिल्लियों पर पड़े थे, जबकि पीड़ितों के रोते-बिलखते रिश्तेदार तेज बारिश में भी शवों को घर वापस ले जाने के लिए बाहर इंतजार कर रहे थे.

अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या 116 बताई है. इनमें 108 महिलाएं और सात बच्चे हैं. पीड़ित हजारों लोगों की भीड़ का हिस्सा थे, जो धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के ‘सत्संग’ के लिए सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव के पास एकत्र हुए थे. भगदड़ दोपहर करीब 3.30 बजे उस समय मची जब बाबा कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे.

भगदड़ की जगह से पास स्वास्थ्य सुविधा सिकंदर राव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर, कई लोग देर रात तक अपने लापता परिवार के सदस्यों की तलाश करते रहे. कासगंज जिले में रहने वाले राजेश ने कहा कि वह अपनी मां की तलाश कर रहा था, जबकि शिवम अपनी मौसी की तलाश कर रहा था.

अपनों की तलाश में आ रहे लोग

राजेश ने कहा, ‘मैंने एक न्यूज चैनल पर अपनी मां की तस्वीर देखी और उन्हें पहचान लिया. वह हमारे गांव के दो दर्जन अन्य लोगों के साथ यहां कार्यक्रम के लिए आई थीं. अंशू और पाबल कुमार अपने चचेरे भाई के लापता पिता 40 वर्षीय गोपाल सिंह को खोजने की उम्मीद में अपने छोटे पिकअप ट्रक में, दूध के खाली कंटेनरों से लदे हुए, सीएचसी के पास इंतजार कर रहे थे.

अंशू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘वह कार्यक्रम के लिए गया था, लेकिन अभी तक घर नहीं लौटा है. वह इतना स्मार्ट नहीं है, उसके पास फोन भी नहीं है.’ उन्होंने कहा कि सिंह बाबा के अनुयायी नहीं थे लेकिन एक परिचित के आग्रह पर पहली बार कार्यक्रम में गए थे. अपनी मां सुदामा देवी को खोने वाली मीना देवी ने कहा, ‘जिस इलाके में मैं रहती हूं वहां बूंदाबांदी हो रही थी, नहीं तो मैंने अपनी मां के साथ संगत में जाने की योजना बनाई थी.’

स्रोत: india.com