Side Effects of Eating Fruit Seed: सेब के बीज खाने के खतरनाक नुकसान हो सकते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक कुछ फलों के बीज में खतरनाक जहर हो सकता है। इसलिए इनका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
रोजाना फल खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है। इनके अंदर फाइबर होता है जो पाचन बढ़ाता है। इनसे भारी मात्रा में विटामिन और मिनरल मिलते हैं। इन्हें खाकर एनर्जी की कमी भी पूरी की जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फलों के अंदर मौजूद बीज खाना खतरनाक साबित हो सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके अंदर जहर भी भरा हो सकता है।
कुछ फलों के बीज के अंदर साइनाइड नाम का जहर हो सकता है। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक जहर माना जाता है। जो शरीर में जाने के कुछ पलों के अंदर ही खतरनाक परिणाम दिखाने लगता है। सीडीसी के मुताबिक यह आपके दिल और दिमाग को खराब कर सकते हैं।
फलों के बीज चबाने से निकलता है जहर

सीडीसी के मुताबिक कुछ फलों के बीज में साइनाइड जैसा असर दिखा सकते हैं। इनके अंदर एमिग्डालिन नाम का कंपाउंड होता है। जब आप इन बीजों चबाते हैं तो शरीर में एमिग्डालिन फैल जाता है। इसे साइनोग्लाइकोसाइड भी कहा जाता है, क्योंकि यह साइनाइड का काम करता है।
घर से बाहर फेंक दें इन फलों के बीज

- सेब
- खुबानी
- आड़ू
- आलूबुखारा
- चेरी
खाते ही दिखेंगे ये खतरनाक लक्षण

इन जहरीले बीजों को खाने से साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं। नजरअंदाज करने पर यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट मानते हैं कि शरीर में साइनाइड फैलने से सांस फूलना और दौरे हो सकते हैं। जो कि बेहोशी का कारण भी बन सकते हैं।
बच्चों को भी दें ये जानकारी

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन कहता है कि इन फलों के बीज में खतरनाक केमिकल होता है, जो कि संभावित नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए आपको गलती से भी इन बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही बच्चों को भी यह बात सीखाएं।
कितने बीज खाना है नुकसानदायक

एक्सपर्ट मानते हैं कि इन बीजों में साइनाइड बनाने वाले कंपाउंड की मात्रा कम होती है। इसलिए गलती से एक-दो बीज खाने पर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए। ऐसा बड़ी मात्रा में बीज खाने पर होता है। लेकिन यह भी सच है कि इसके नुकसानों से बचने के लिए आपको ये बीज खाने से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
स्रोत: नवभारत टाइम्स