आगरा।
Karwa Chauth 2025: करवाचौथ का व्रत 10 अक्तूबर यानी कल रखा जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए इस व्रत की विशेष मान्यता है। इस बार करवाचौथ पर पूजा के लिए सुहागिनों के लिए 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा।
Karwa Chauth 2025 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi Samagri Vrat Katha And Moonrise Time
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्तूबर को रात 10:54 बजे पर शुरू होगी। इसकी समाप्ति शुक्रवार 10 अक्तूबर को रात 7 बजकर 38 मिनट पर है। उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ 10 अक्तूबर को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ समय
करवाचौथ पर पूजा का शुभ समय शाम 5:57 मिनट से शुरू होगा जो 7:11 बजे तक रहेगा। यानि पूजा का शुभ मुहूर्त एक घंटे 14 मिनट का होगा। चंद्रोदय शाम 7 बजकर 42 मिनट पर माना जाएगा।
करवा चौथ पूजा विधि
सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना गया है। यह पर्व पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में खुशहाली का महापर्व है। करवा चौथ के दिन चन्द्रमा की पूजा कर महिलाएं चंद्रदेव से यह आशीर्वाद मांगती हैं कि किसी भी कारण से उन्हें अपने प्रियतम का वियोग न सहना पड़े । सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर देवी पार्वती के स्वरूप चौथ माता, भगवान शिव और कार्तिकेय के साथ-साथ श्री गणेशजी की पूजा करती हैं।
करवा चौथ पर शाम को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं, इस पर भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर दें। एक लोटे में जल भरकर उसके ऊपर श्रीफल रखकर कलावा बांध दें और दूसरा मिट्टी का करवा लेकर उसमें जल भरकर व ढक्कन में शक्कर भर दें, उसके ऊपर दक्षिणा रखें, रोली से करवे पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद धूप, दीप, अक्षत व पुष्प चढाकर भगवान का पूजन करें, पूजा के उपरांत भक्तिपूर्वक हाथ में गेहूं के दाने लेकर चौथमाता की कथा पढ़ें या सुने। फिर रात्रि में चंद्रोदय होने पर चंद्रदेव को अर्ध्य देकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हुए व्रत को समाप्त करें।
करवा चौथ पूजन सामग्री
लकड़ी का आसान, देसी घी, पान, सींक, कलश, हल्दी, रोली, मौली, मिठाई, छन्नी, लोटे में भरने के लिए चावल, दान की सामग्री, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल, मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन और करवा चौथ व्रत कथा किताब।