प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ सकता है.
Dengue in Pregnancy: डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी, जो हर साल मानसून के मौसम में अपना तांडव मचाती है. यह बीमारी आम लोगों के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकती है.
डेंगू वायरस, एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. प्रेग्नेंसी के दौरान, महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके कारण वे डेंगू वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकती हैं.
गर्भावस्था में डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार (104°F तक)
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- थकान
- आंखों में दर्द
- मतली और उल्टी
- भूख न लगना
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- नाक या मसूड़ों से खून बहना
- वजाइनल ब्लीडिंग (कुछ मामलों में)
गर्भावस्था में डेंगू के खतरे
- डेंगू संक्रमण से अबॉर्शन का खतरा बढ़ जाता है.
- डेंगू के कारण महिलाएं समय से पहले बच्चे को जन्म दे सकती हैं.
- डेंगू से प्रभावित नवजात शिशुओं का जन्म भार कम हो सकता है.
- कुछ गंभीर मामलों में डेंगू जन्मजात दोषों का कारण बन सकता है.
गर्भावस्था में डेंगू से बचाव
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें.
- बार-बार हाथ धोएं. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं.
- पौष्टिक और संतुलित आहार लें. हेल्दी चीजों का सेवन करें.
- भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं.
- पर्याप्त आराम करें.
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत उनसे संपर्क करें.
गर्भावस्था में डेंगू का इलाज
- पर्याप्त आराम करें.
- भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं.
- बुखार और दर्द के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
स्रोत: india.com